दिल्ली शराब नीति मामला: केजरीवाल को मिलेगी बेल या जाना होगा जेल? सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सबकी नजर
दिल्ली शराब नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट आज अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुनाएगा। इससे पहले, 12 जुलाई को ईडी के मामले में उन्हें जमानत मिली थी।
दिल्ली शराब नीति मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। यह फैसला जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच सुबह 10:30 बजे सुनाएगी। सीबीआई ने 26 जून को केजरीवाल को गिरफ्तार किया था, जिसे उन्होंने अवैध बताते हुए जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। 5 सितंबर को हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले, 12 जुलाई को ईडी के मामले में उन्हें जमानत मिल चुकी थी। अगर आज उन्हें जमानत मिलती है, तो वह 177 दिनों के बाद जेल से बाहर आएंगे।
गौरतलब है कि केजरीवाल को पहले ईडी की गिरफ्तारी के मामले में सुप्रीम कोर्ट से 12 जुलाई को जमानत मिली थी, जिसके बाद उन्हें सीबीआई ने गिरफ्तार किया। इसके जवाब में केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दायर कीं – एक सीबीआई की गिरफ्तारी के खिलाफ और दूसरी जमानत के लिए। 5 सितंबर को इन याचिकाओं पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था। आइए जानते हैं 5 सितंबर की सुनवाई में किसने क्या दलीलें पेश कीं:
सीबीआई की दलीलें:
सीबीआई के वकील ने तर्क दिया कि मनीष सिसोदिया और के. कविता जैसे अन्य आरोपियों ने पहले ट्रायल कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी, जबकि केजरीवाल सीधे सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। उन्हें भी ट्रायल कोर्ट जाना चाहिए था। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि केजरीवाल खुद को ‘विशेष’ मान रहे हैं और उनके लिए अलग व्यवस्था की उम्मीद कर रहे हैं। अगर उन्हें जमानत मिलती है, तो यह एक गलत परंपरा की शुरुआत होगी।
केजरीवाल के वकील की दलीलें:
केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सीबीआई के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि सिर्फ इसलिए कि केजरीवाल ने दोष नहीं स्वीकारा, यह उनकी असहयोगिता का प्रमाण नहीं है। कोर्ट ने पहले ही कहा है कि किसी आरोपी से यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि वह खुद को दोषी माने। साथ ही, उन्होंने कहा कि केजरीवाल संवैधानिक पद पर हैं, उनके भागने का कोई खतरा नहीं है और सबूतों से छेड़छाड़ भी संभव नहीं, क्योंकि लाखों दस्तावेज और चार्जशीट पहले से मौजूद हैं।
केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने शराब नीति मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद ईडी ने उनसे 10 दिन तक पूछताछ की और उन्हें कोर्ट में पेश किया, जहां से 1 अप्रैल को उन्हें तिहाड़ जेल भेजा गया। 10 मई को उन्हें 21 दिन के लिए रिहा किया गया, लेकिन जेल में रहने के बाद 2 जून को उन्होंने दोबारा तिहाड़ में सरेंडर कर दिया। अगर आज उन्हें जमानत मिलती है, तो 156 दिन जेल में बिताने के बाद वह रिहा हो जाएंगे।
इस मामले में ईडी और सीबीआई ने मनीष सिसोदिया, के. कविता और संजय सिंह को भी गिरफ्तार किया था, लेकिन समय पर चार्जशीट दाखिल न होने और अन्य कारणों से कोर्ट ने सभी को अलग-अलग समय पर जमानत दे दी। सबसे पहले संजय सिंह को जमानत मिली, फिर मनीष सिसोदिया को, और अंत में के. कविता को जमानत दी गई।