19 बंदरों की रहस्यमयी मौत से सनसनी, 4 शव सड़े हुए हालत में मिले; जानें क्या है पूरा मामला?
छत्तीसगढ़ में बंदरों की मौत से वन विभाग में खलबली मच गई है। 19 बंदरों की मौत की खबर ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। मौके से बंदरों के 4 सड़े हुए शव भी बरामद हुए हैं। आइए जानें, इस घटना के पीछे की पूरी कहानी क्या है।
19 Monkey Shoot Dead in Chattisgarh: छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले से एक सनसनीखेज घटना सामने आई है, जहां एक गांव में 19 बंदरों को गोली मारी गई। इस घटना में कई बंदरों की मौत हो गई है। वहीं, वन विभाग पर आरोप है कि उन्होंने इस घटना को नजरअंदाज किया और इसे छिपाने की कोशिश की। खबरों के अनुसार, कई बंदरों के शव अब भी लापता हैं, जबकि 4 शवों को कुत्तों ने बुरी तरह से क्षत-विक्षत कर दिया। वन विभाग के अधिकारियों ने मौके से बंदरों के क्षत-विक्षत शव और कंकाल बरामद किए हैं।
क्या है पूरा मामला?
पंचायत के एक प्रतिनिधि के अनुसार, कुछ बंदर गांव के लोगों को बहुत परेशान कर रहे थे। वे अक्सर घरों में घुसकर खाने-पीने की चीजों पर हमला कर देते थे। इस समस्या से निपटने के लिए गांव के लोगों ने दो मजदूरों को काम पर रखा और उन्हें छर्रे वाली बंदूक से बंदरों को गोली मारने का काम सौंपा। जब वन विभाग को इस बारे में सूचित किया गया, तो उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। हालांकि, वन विभाग ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि बंदरों की मौत कैसे हुई, इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है, और मामले की जांच की जा रही है।
बंदरों के झुंड पर की गई फायरिंग
बेलगांव पंचायत के पंच सीताराम वर्मा का कहना है कि यह घटना 28 अगस्त की है, जब 2 मजदूरों को बंदरों को भगाने का काम सौंपा गया था। उन्होंने बंदरों के झुंड पर बेतहाशा फायरिंग कर दी, जिससे कई बंदर घायल हो गए और कुछ वहां से भागने में सफल रहे। घायल बंदरों में से कई की मौत हो गई। हालांकि, अभी तक सभी बंदरों के शव बरामद नहीं हुए हैं।
चौंकाने वाला खुलासा
सीताराम वर्मा ने बताया कि वह पंचायत के इस फैसले के कड़े विरोध में थे, क्योंकि बंदरों को भगवान हनुमान का अवतार माना जाता है, और उन पर हिंसा करना अनुचित है। लेकिन उनकी बात को नजरअंदाज कर दिया गया। उन्होंने इस घटना की जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को भी दी, लेकिन वे 2 दिन बाद, 30 अगस्त को, पंचनामे के लिए गांव पहुंचे। इस बीच, कई बंदरों के शवों को कुत्तों ने खा लिया था। वन विभाग के अधिकारी 4 सड़े हुए शवों और कंकालों को अपने साथ ले गए। सीताराम वर्मा ने दावा किया कि उन्होंने 17 बंदरों के शवों का वीडियो और फोटो अधिकारियों को भेजा था, लेकिन वन विभाग इस मामले को दबाने की कोशिश करता रहा। उन्होंने मांग की कि इस घटना के आरोपियों को हिरासत में लेकर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
फॉरेंसिक टीम द्वारा की जा रही जांच
दुर्ग के डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (DFO) चंद्रशेखर परदेसी ने बताया है कि गांव में 4 बंदरों के सड़े हुए शव मिले हैं। कुल मिलाकर 18-19 बंदरों की मौत की खबर सामने आई है। वन विभाग की टीम ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। शवों की स्थिति इतनी खराब है कि उनका पोस्टमार्टम करना संभव नहीं है, केवल कंकाल ही बरामद हुए हैं। फॉरेंसिक टीम ने नमूने लेकर जांच प्रारंभ कर दी है। इस मामले पर अभी तक कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई है।