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16 की उम्र में खोया पैर, लेकिन हार नहीं मानी: पेरिस पैरालंपिक में गोल्ड जीतने वाले सुमित अंतिल कौन हैं?

गोल्ड मेडलिस्ट सुमित अंतिल की प्रोफाइल:

पेरिस पैरालंपिक में जेवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीतने वाले सुमित अंतिल की सफलता की कहानी दिल को छू लेने वाली है। 16 साल की उम्र में उन्होंने अपना पैर खो दिया, लेकिन उनके जज़्बे ने हार नहीं मानी। उनकी मां ने हाड़-तोड़ मेहनत से सुमित के सपनों को पंख दिए और उन्हें पैरालंपियन बनने का साहस दिया। पढ़ें, जोश और जुनून से भरी उनकी प्रेरणादायक सफलता की कहानी…

गोल्ड मेडलिस्ट सुमित अंतिल की प्रोफाइल:

सुमित अंतिल, 3 बहनों के इकलौते भाई, जिन्होंने 7 साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया। 16 साल की उम्र में एक हादसे में अपना पैर गंवाकर पहलवान बनने का सपना टूट गया, लेकिन सुमित ने हार नहीं मानी। उनकी मां ने उनके सपनों को पंख दिए, और सुमित ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में इतिहास रचते हुए अपना ही रिकॉर्ड तोड़कर नया कीर्तिमान स्थापित किया।

सुमित, जिन्होंने टोक्यो पैरालंपिक 2020 में 68.55 मीटर की दूरी पर जेवलिन फेंका था—जो कि एक पैरालंपिक रिकॉर्ड था—ने पेरिस में अपने ही रिकॉर्ड को बेहतर करते हुए 70.59 मीटर तक जेवलिन फेंका। इस प्रदर्शन के साथ उन्होंने पैरालंपिक में दूसरा सबसे लंबी दूरी तक जेवलिन थ्रो करने का रिकॉर्ड भी बना दिया। आइए जानते हैं, सुमित अंतिल की प्रेरणादायक कहानी—कैसे उन्होंने अपना पैर गंवाया, और कैसे संघर्ष करते हुए सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचे?

7 साल की उम्र में पिता का निधन:

सुमित अंतिल का जन्म 7 जून 1988 को हरियाणा के सोनीपत जिले के खेवरा गांव में हुआ था। उनके पिता, राम कुमार अंतिल, इंडियन एयरफोर्स में थे, लेकिन जब सुमित केवल 7 साल के थे, तब उन्होंने अपने पिता को खो दिया। उनके पिता की लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। सुमित तीन बहनों के इकलौते भाई थे, और पिता के निधन के बाद परिवार की पूरी जिम्मेदारी उनकी मां के कंधों पर आ गई। उनकी मां ने दिन-रात कड़ी मेहनत करके सुमित और उनकी तीन बहनों की परवरिश की।

16 की उम्र में हादसे में खोया पैर:

कद-काठी में मजबूत होने के कारण सुमित पहलवान बनना चाहते थे और अपने पिता की तरह इंडियन आर्मी जॉइन करने का सपना देखते थे। लेकिन 16 साल की उम्र में एक हादसे ने उनके इस सपने को चकनाचूर कर दिया। जब सुमित 12वीं कक्षा में थे, एक दिन उनकी बाइक को सीमेंट के कट्टों से लदी एक ट्रॉली ने टक्कर मार दी। इस हादसे में सुमित ने अपना एक पैर और आधी टांग खो दी। इस दुर्घटना ने उनके जीवन को पूरी तरह बदल दिया, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आगे बढ़ते रहे।

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