श्री चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर उठे सवाल, जानें 5 अहम बिंदुओं में पूरा मामला
Bangladesh ISKON Temple Chief Chinmay Krishna Profile: बांग्लादेश में इस्कॉन के प्रमुख श्री चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को लेकर काफी विवाद खड़ा हो गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि चिन्मय कृष्ण दास कौन हैं और बांग्लादेश सरकार ने उनके खिलाफ क्या आरोप लगाए हैं? चिन्मय दास ने इन आरोपों का जवाब देते हुए सचाई से पर्दा उठाया है।
Bangladesh ISKON Temple Chief Chinmay Krishna Controversy:
बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर के प्रमुख श्री चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी ने विवाद का रूप ले लिया है। बांग्लादेश पुलिस ने 25 नवंबर को उन्हें ढाका एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया, और उनके खिलाफ आरोप था कि उन्होंने बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया। इस गिरफ्तारी के बाद भारत सरकार ने बांग्लादेश के इस कदम की कड़ी निंदा की है। आइए जानते हैं कि श्री चिन्मय कृष्ण दास कौन हैं और इस विवाद की असल वजह क्या है।
- कौन हैं श्री चिन्मय कृष्ण दास?
चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर के प्रमुख पुजारी और प्रवक्ता हैं। बांग्लादेश में इस मंदिर को “पुंडारीक धाम” के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार राधारानी के पिता, वृषभानु महाराज का जन्म इसी स्थान पर हुआ था। इस मंदिर का नाम “पुंडारिक धाम” रखने का कारण वृषभानु के एक अन्य नाम, श्री पुंडारिक विद्यानिधि से जुड़ा हुआ है। - चिन्मय कृष्ण दास का असली नाम और उनकी भूमिका
चिन्मय कृष्ण दास का असली नाम चंदन कुमार धर है। वह बांग्लादेश के प्रमुख संतों में से एक हैं और इस्कॉन के पुंडारीक धाम के प्रमुख हैं। उनके अनुयायी केवल बांग्लादेश में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में फैले हुए हैं। चिन्मय कृष्ण दास ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए कई बार आवाज उठाई है। शेख हसीना की सरकार के बाद से उनका प्रभाव और सक्रियता बांग्लादेश में काफी बढ़ गई है।
3. चिटगांव में चिन्मय दास की रैली
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाते हुए चिन्मय दास ने एक रैली का आगाज किया था। चंटगांव में आयोजित इस रैली में उन्होंने बांग्लादेश सरकार के सामने 8 बड़ी मांगे रखी थीं। इन मांगों में संविधान संशोधन से लेकर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, अल्पसंख्यकों के लिए नए मंत्रालय का गठन समेत मंदिर-मठों की संपत्तियों की सुरक्षा से जुड़े कानून बनाने की अपील की थी।
4. चिन्मय दास क्यों हुए गिरफ्तार?
बांग्लादेश सरकार का कहना है कि चिन्मय दास ने 22 नवंबर को चटगांव में एक रैली की थी। इस दौरान उन्होंने भगवा झंडा लहराया था। यही नहीं उन्होंने उन्होंने भगवा झंडे को बांग्लादेश के राष्ट्रीयध्वज से ऊपर रखा था, जिससे बांग्लादेश का अपमान हुआ है। ऐसे में चिन्मय दास के खिलाफ 18 देशद्रोह के मुकदमें दर्ज किए गए और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। बता दें कि बांग्लादेश के कानून में देशद्रोह के लिए आजीवन कारावास की सजा निर्धारित की गई है।
5. चिन्मय दास ने आरोपों को झूठा बताया
इस्कॉन के प्रमुख श्री चिन्मय कृष्ण दास ने बांग्लादेश सरकार द्वारा उन पर लगाए गए देशद्रोह के आरोपों को पूरी तरह से झूठा बताया है। उनका कहना है कि भगवा झंडा उनकी रैली से 2 किलोमीटर की दूरी पर लहराया गया था और वह उस वक्त उस स्थान पर मौजूद नहीं थे। चिन्मय दास ने यह भी दावा किया कि बांग्लादेश सरकार ने उन्हें बिना किसी ठोस कारण के झूठे आरोपों के तहत गिरफ्तार किया है।