भारत में कब आएगा 6G? Ericsson की रिपोर्ट में 5G और 6G को लेकर हुआ बड़ा खुलासा
6G Launch Date in India: भारत में जल्द ही 5G तकनीक में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा, साथ ही 6G के लॉन्च को लेकर एक अहम अपडेट सामने आया है। एरिक्सन की नई रिपोर्ट में इसके बारे में कई खुलासे किए गए हैं। आइए जानते हैं पूरी जानकारी…
6G Launch in India: Ericsson का बड़ा अपडेट, 2030 तक भारत में हो सकता है लॉन्च
Ericsson, जो कि टेलीकॉम इक्विपमेंट और नेटवर्क डिप्लॉयमेंट के क्षेत्र में एक प्रमुख कंपनी है, ने हाल ही में 6G को लेकर एक अहम अपडेट जारी किया है। कंपनी का कहना है कि दुनिया अभी 5G SA (स्टैंडअलोन) और 5G एडवांस्ड के दौर में प्रवेश कर रही है, और इसके बाद 6G टेलीकॉम क्षेत्र में ऐसे बदलाव लाएगा, जो नेटवर्क को पूरी तरह से बदलकर रख देंगे। Ericsson के अनुसार, कम्युनिकेशन सर्विस प्रोवाइडर्स (CSPs) वर्तमान में 5G को और प्रभावी बनाने और इसे अधिक व्यापक बनाने में जुटे हैं। इसके अलावा, कंपनियां अब सैटेलाइट कनेक्टिविटी पर भी ध्यान केंद्रित कर रही हैं, जिससे जल्द ही ऐसे इलाकों में बेहतर नेटवर्क उपलब्ध हो सकेगा, जहां अभी कनेक्टिविटी की स्थिति कमजोर है।
भारत में कब लॉन्च होगा 6G? Ericsson ने अपनी हालिया रिपोर्ट में बताया कि 6G टेक्नोलॉजी 2030 तक लॉन्च हो सकती है। भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, अमेरिका और चीन जैसे देशों में 6G को लेकर तैयारियां पहले से ही शुरू हो चुकी हैं। इस समय 320 से अधिक टेलीकॉम ऑपरेटर 5G SA नेटवर्क की कमर्शियल सर्विस दे रहे हैं, जो अब तक दुनिया के केवल 20% हिस्से को कवर करता है। लेकिन Ericsson का कहना है कि 2030 तक यह आंकड़ा बढ़कर 60% तक पहुंच सकता है।
Jio का 5G नेटवर्क: क्या यह ज्यादा बेहतर है?
भारत में हाल के दिनों में 5G नेटवर्क का विस्तार तेजी से हुआ है। Airtel और Jio ने मिलकर देश के लगभग सभी जिलों में 5G सेवाएं शुरू कर दी हैं। जहां Airtel नॉन-स्टैंडअलोन (NSA) 5G नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहा है, जो मौजूदा 4G इंफ्रास्ट्रक्चर पर आधारित है और एक अस्थायी समाधान माना जाता है, वहीं Jio स्टैंडअलोन (SA) 5G नेटवर्क प्रदान कर रहा है, जो पूरी तरह से नए इंफ्रास्ट्रक्चर पर आधारित है और अधिक स्थिर तथा उन्नत है।
क्या 5G एडवांस्ड होगा गेम चेंजर?
Ericsson की रिपोर्ट के मुताबिक, 5G एडवांस्ड टेलीकॉम नेटवर्क के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। इस टेक्नोलॉजी के जरिए उच्च क्षमता और बेहतर उपयोगकर्ता अनुभव मिल सकता है। 2030 तक जब 5G एडवांस्ड पूरी तरह से रोल आउट होगा, तो फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (FWA) के जरिए मोबाइल डेटा ट्रैफिक वर्तमान स्तर से तीन गुना तक बढ़ सकता है। भारत पहले से ही मोबाइल डेटा खपत में दुनिया में सबसे आगे है, और इस बदलाव के बाद और भी बड़ा असर पड़ने की संभावना है।