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बीजेपी ने वोटिंग के दौरान सावित्री जिंदल को पार्टी से निकाला, तीन और बागियों पर लगा 6 साल का निष्कासन

Savitri Jindal News: बीजेपी ने 5 अक्टूबर 2024 को वोटिंग के दौरान सावित्री जिंदल और तीन अन्य बागियों को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। सावित्री जिंदल हिसार विधानसभा सीट से बीजेपी के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रही हैं। चुनावी इतिहास के अनुसार, हिसार जिंदल परिवार का पारंपरिक गढ़ रहा है।

Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने सावित्री जिंदल को पार्टी से निकाल दिया है। सावित्री जिंदल हिसार सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही हैं। उनके साथ ही पार्टी ने गौतम सरदाना, तरुण जैन और अमित ग्रोवर को भी निष्कासित किया है। हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष ने बताया कि ये चारों नेता निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में हैं और उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया है।

इससे पहले 5 अक्टूबर को वोट डालने के लिए सावित्री जिंदल के बेटे, नवीन जिंदल, घोड़े पर सवार होकर पहुंचे और कहा कि घोड़े की सवारी करना शुभ होता है। उन्होंने कहा कि मेरी मां, सावित्री जिंदल, हिसार से चुनाव लड़ रही हैं और वे इस क्षेत्र के विकास के लिए बहुत कुछ करना चाहती हैं।

नवीन जिंदल ने यह भी कहा कि लोगों में मतदान को लेकर काफी उत्साह है। मुझे उम्मीद है कि राज्य में एक बार फिर बीजेपी की सरकार बनेगी। मेरी मां चुनाव लड़ रही हैं, लेकिन यह जनता का निर्णय है कि वे किसे आशीर्वाद देंगी। मुझे विश्वास है कि हरियाणा की जनता बीजेपी को एक बार फिर अपना समर्थन देगी और नायब सिंह सैनी पुनः मुख्यमंत्री बनेंगे। सीएम पद के लिए अनिल विज की दावेदारी पर नवीन जिंदल ने कहा कि वे पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और यदि उनके मन में कुछ है, तो उनके पास अपनी बात रखने का पूरा हक है।

गौरतलब है कि सावित्री जिंदल हिसार विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं। वे देश की ही नहीं, एशिया की सबसे अमीर महिलाओं में शामिल हैं। उनके बेटे नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र से सांसद हैं। बीजेपी ने इस सीट पर कमल गुप्ता को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने रामनिवास राड़ा को चुनावी मैदान में उतारा है। इसके अलावा, बीजेपी के पूर्व मेयर गौतम सरदाना और पूर्व जिला उपाध्यक्ष तरुण जैन भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं, जो बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।

हिसार जिंदल परिवार का गढ़ रहा है। 1968 में ओम प्रकाश जिंदल ने यहां से चुनाव लड़ा था और 1977 में भी उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा। सावित्री जिंदल राजनीति में 2005 में ओम प्रकाश जिंदल के निधन के बाद आईं और उन्होंने दो बार विधायक और मंत्री के रूप में कार्य किया। 2014 में चुनाव हारने के बाद, वे 10 साल तक राजनीति से दूर रहीं।

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