LatestNews

गर्भवती कर्मचारी को निकालने पर कंपनी को 30 लाख का नुकसान

मैटरनिटी लीव से लौटी महिला को नौकरी से निकाला, कोर्ट ने सुनाया 30 लाख का मुआवजा
मैटरनिटी लीव से वापस लौटने पर एक महिला को उसकी कंपनी ने दूसरी प्रेग्नेंसी के कारण नौकरी से निकाल दिया। इस घटना के बाद, महिला ने न्याय का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने कंपनी को दोषी ठहराते हुए महिला को 30 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।

मैटरनिटी लीव से लौटी महिला को नौकरी से निकाला, कोर्ट ने कंपनी पर 30 लाख रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगाया
मैटरनिटी लीव खत्म होने के बाद जब एक महिला, निकिता ट्विचेन, ऑफिस लौटी और बताया कि वह फिर से गर्भवती है, तो कंपनी ने उसे नौकरी से निकाल दिया। निकिता ने इस अन्याय के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया। यूनाइटेड किंगडम में 2022 में हुए इस मामले में, कोर्ट ने कंपनी को दोषी ठहराते हुए निकिता को 30 लाख रुपये से अधिक का मुआवजा देने का आदेश दिया। दो साल बाद निकिता को इंसाफ मिला है।

निकिता की आपबीती
निकिता यूके की फर्स्ट ग्रेड प्रोजेक्ट्स में काम करती थीं। पहले बच्चे की डिलीवरी के बाद वह मैटरनिटी लीव पर गईं, और जब काम पर वापस लौटीं और अपनी दूसरी प्रेग्नेंसी की जानकारी दी, तो कंपनी ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया।

बॉस का बर्ताव बदल गया
निकिता ने रोजगार न्यायाधिकरण में शिकायत दर्ज करवाई और बताया कि मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) जेरेमी मॉर्गन का बर्ताव उनकी प्रेग्नेंसी की खबर सुनने के बाद बदल गया। मार्च 2022 में जब निकिता का मैटरनिटी लीव खत्म हुआ, तो उन्हें किसी ने काम पर लौटने के लिए नहीं कहा। उन्होंने कई बार संपर्क किया, लेकिन वेतन देने से भी इनकार कर दिया गया।

कोर्ट का फैसला
निकिता को यह कहकर नौकरी से निकाला गया कि कंपनी नए सॉफ्टवेयर पर काम कर रही है और निकिता को उसकी जानकारी नहीं है। कोर्ट ने इस तर्क को खारिज करते हुए कहा कि कंपनी नए लोगों की भर्ती कर रही है और फाइनेंशियल क्राइसिस का दावा झूठा है। कोर्ट ने कंपनी को 28,000 पाउंड (करीब 30 लाख रुपये) का मुआवजा निकिता को देने का आदेश दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *