हरियाणा में कांग्रेस को झटका! सहयोगियों ने उठाए सवाल, महाराष्ट्र और झारखंड पर पड़ेगा असर
Haryana Results 2024 Analysis: हरियाणा के नतीजों के बाद कांग्रेस की रणनीति पर इंडिया गठबंधन की पार्टियों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। अरविंद केजरीवाल ने बिना नाम लिए कांग्रेस की आलोचना की है, जबकि शिवसेना (उद्धव) ने स्पष्ट रूप से कहा है कि बीजेपी के खिलाफ सीधी लड़ाई में कांग्रेस कमजोर साबित हो रही है। महाराष्ट्र और झारखंड के आगामी चुनावों से पहले, कांग्रेस को अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कई कठिन सवालों का सामना करना पड़ेगा।
Haryana Assembly Election Results 2024: हरियाणा में कांग्रेस की हार ने पार्टी के हाथ से एक महत्वपूर्ण शक्ति छीन ली है। इंडिया गठबंधन के सहयोगियों ने कांग्रेस की रणनीति और क्षमता पर सवाल उठाए हैं। जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में कांग्रेस का प्रदर्शन उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहा। जम्मू-कश्मीर के नतीजों से साफ है कि कांग्रेस को अभी राज्य की राजनीति में लंबा सफर तय करना है, जबकि हरियाणा के परिणामों ने दिखाया है कि बीजेपी के खिलाफ सीधी लड़ाई में कांग्रेस कमजोर साबित हो रही है।
महाराष्ट्र समेत तीन राज्यों में होगा असर: हरियाणा और जम्मू-कश्मीर की हार का असर आगामी विधानसभा चुनावों में भी दिख सकता है। महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली में कांग्रेस को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है, और सहयोगियों के साथ गठबंधन पर फिर से विचार करना पड़ सकता है। जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ जूनियर पार्टनर के तौर पर चुनाव लड़ा, जहां नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 51 में से 42 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस ने 32 सीटों पर लड़कर सिर्फ 6 सीटें जीतीं।
सहयोगियों ने उठाए सवाल: हरियाणा की हार के बाद उद्धव ठाकरे की शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि कांग्रेस को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने की जरूरत है, क्योंकि बीजेपी के खिलाफ सीधी लड़ाई में पार्टी कमजोर पड़ जाती है। महाराष्ट्र में शिवसेना कांग्रेस की सहयोगी है, और हरियाणा के परिणाम से गठबंधन पर असर पड़ सकता है। कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन में खुद को प्रमुख पार्टी के रूप में पेश किया था, लेकिन हरियाणा के नतीजों से उसे अपनी स्थिति पर दोबारा सोचने की जरूरत होगी।
केजरीवाल का अप्रत्यक्ष निशाना: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 8 अक्टूबर को चुनावी नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा कि किसी भी चुनाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए। उन्होंने हरियाणा के नतीजों का उदाहरण देते हुए कहा कि आत्मविश्वास की अति नुकसानदायक हो सकती है।
राहुल गांधी हरियाणा में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के पक्ष में थे, लेकिन स्थानीय कांग्रेस नेताओं के विरोध के कारण यह गठबंधन संभव नहीं हो सका, जिसका नतीजा हार के रूप में सामने आया।
दिल्ली के लिए कांग्रेस की योजना:
दिल्ली में कांग्रेस ने अक्टूबर के अंत से यात्रा शुरू करने का ऐलान किया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन होता है या नहीं। पंजाब और हरियाणा में दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ी थीं, हालांकि लोकसभा चुनाव में इनका गठबंधन था। हरियाणा की हार ने कांग्रेस को गहरे झटके दिए हैं, और पार्टी को अब नई ऊर्जा के साथ आगे की लड़ाई के लिए तैयार होने से पहले कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब तलाशने होंगे।