LatestNews

गर्भवती गैंगरेप पीड़िता को घर से बेघर किया गया, पूर्व BJP विधायक को उम्रकैद की सजा

Gangrape Survivor Story: उन्नाव गैंगरेप पीड़िता ने हाल ही में अपनी जान को खतरा बताया और घर से निकाले जाने के आरोप लगाए। मीडिया से बातचीत करते हुए, उसने अपनी पीड़ा साझा की और बताया कि अब उसके लिए गुजर-बसर करना बेहद मुश्किल हो गया है।

Unnao Gangrape Survivor Struggling for Living: उत्तर प्रदेश के उन्नाव में गैंगरेप का शिकार हुई युवती अब जीवन की बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रही है। वह 7 महीने की गर्भवती है और दिल्ली में रह रही थी, लेकिन उसे घर से निकाल दिया गया है। दिल्ली सरकार द्वारा किराए का भुगतान न किए जाने के कारण, वह मकान मालिक को किराया नहीं चुका पाई। पहले मकान मालिक ने उसकी बिजली काट दी और अब उसे घर खाली करने के लिए कहा जा रहा है। 23 वर्षीय पीड़िता का कहना है कि जुलाई 2024 से अब तक सरकार की ओर से किराया नहीं मिला है, जिससे वह मकान मालिक के घर से बेदखल होने की स्थिति में है। वह शादीशुदा है और जल्द ही दूसरे बच्चे की मां बनने वाली है, लेकिन ऐसी स्थिति में उसे समझ नहीं आ रहा है कि वह कहां जाएगी। वह राजधानी दिल्ली छोड़ने को मजबूर है और अपनी जान को खतरा महसूस कर रही है।

दुष्कर्मी को जमानत मिली तो जान को खतरा होगा: TOI की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता ने बताया कि 4 जून 2017 को उसके साथ गैंगरेप हुआ था जब वह केवल 16 साल की थी। पुलिस ने कार्रवाई नहीं की और झूठे आरोप लगाते हुए उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया। 8 अप्रैल 2018 को उसने मुख्यमंत्री योगी के आवास के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया। इस दौरान उसने अपने पिता को भी खो दिया, जिनकी पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी। 2 साल चली सुनवाई के बाद, 16 दिसंबर 2019 को पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी ठहराया गया और 20 दिसंबर को उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई। अब कुलदीप सेंगर की जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही है। अगर उसे जमानत मिलती है, तो उसकी जान को खतरा हो सकता है। जुलाई 2019 में उसकी कार का एक्सीडेंट हुआ था जिसमें उसकी 2 चाचियों की मौत हो गई और वकील गंभीर रूप से घायल हुआ था। उसे CRPF सुरक्षा भी दी गई थी।

आयोग से बातचीत करके भी नहीं हुआ समाधान: पीड़िता ने बताया कि दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर दिल्ली महिला आयोग ने उसे और उसके परिवार को दिल्ली में एक मकान उपलब्ध कराया। 29 मई 2023 को उसने शादी कर ली और अदालत से पति के साथ उस मकान में रहने की अनुमति ली। पिछले एक साल से वह दिल्ली में परिवार के साथ रह रही है, और उनकी सुरक्षा के लिए CRPF के जवान तैनात हैं। हालांकि, पिछले दो महीनों से दोनों कमरों के किराए और बिजली के बिल का भुगतान नहीं हुआ है। उसने आयोग के दफ्तर में जाकर बातचीत भी की, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला। उसे अपनी जेब से भुगतान करना पड़ रहा है। आयोग की ओर से न तो उसकी पढ़ाई में मदद की गई और न ही उसे अभी तक नौकरी मिली है, जिससे उसके लिए गुजर-बसर करना कठिन हो गया है। इसके अतिरिक्त, दोषी को जमानत मिलने पर उसे जान को खतरा भी महसूस हो रहा है।

आयोग ने भी अपनी तरफ से पेश की सफाई: दिल्ली महिला आयोग के एक सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर टाइम्स को बताया कि आयोग गैंगरेप पीड़िता के दोनों घरों के किराए और बिजली बिल के भुगतान के लिए दिल्ली महिला एवं बाल विकास विभाग से फंड प्राप्त करता है। यह राशि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विभाग को दी जाती है, लेकिन अगर विभाग को ही फंड नहीं मिला है, तो पीड़िता को भुगतान कैसे किया जा सकता है? विभाग ने उत्तर प्रदेश सरकार से पत्राचार किया है, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *