एंबुलेंस में रेप की कोशिश को लेकर अखिलेश यादव का CM योगी पर हमला, यूपी में सरकार की स्थिति पर उठाए सवाल
महिला के भाई ने 112 और 108 पर पुलिस को कॉल किया, और पुलिस ने महिला व उसके भाई के बयान दर्ज किए। इसके बाद, महिला के पति को अस्पताल में भर्ती कराने का निर्देश दिया गया। महिला और उसका भाई एफआईआर दर्ज कराने के लिए छावनी पुलिस स्टेशन पहुंचे।
अखिलेश यादव ने महिला के साथ एंबुलेंस में छेड़खानी पर किया सरकार की निंदा:
लखनऊ से सिद्धार्थनगर आ रही बीमार पति के साथ एक महिला के एंबुलेंस में छेड़खानी के मामले पर समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए इस घटना को अत्यंत शर्मनाक और शब्दों से परे निंदनीय बताया। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या उत्तर प्रदेश में कोई सरकार है? घटना 29 अगस्त की है, जब लखनऊ से सिद्धार्थनगर जा रही एंबुलेंस के ड्राइवर और उसके सहयोगी ने मरीज की पत्नी के साथ यौन उत्पीड़न किया।
आरोप है कि एंबुलेंस ड्राइवर ने मरीज की पत्नी के भाई को बंधक बना लिया, मरीज का ऑक्सीजन मास्क निकाल दिया और मरीज को एंबुलेंस से बाहर धक्का दे दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके साथ ही ड्राइवर ने महिला के गहने और 10 हजार रुपये भी छीन लिए। महिला अपने पति को भाई के साथ अपने गृह नगर ले जा रही थी, जब एंबुलेंस ड्राइवर और उसके सहयोगियों ने इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया।
दो दिन में इलाज पर लाखों रुपये का खर्च:
महिला ने लखनऊ के इंदिरानगर स्थित गाजीपुर पुलिस स्टेशन क्षेत्र से एंबुलेंस किराए पर ली थी, जहां उसने अपने पति को इलाज के लिए भर्ती कराया था। सिद्धार्थनगर ले जाने के लिए एंबुलेंस बुक की गई थी, और महिला का भाई भी उसके साथ था। हालांकि, एंबुलेंस के ड्राइवर और उसके सहयोगी ने उसे केबिन में बंधक बना लिया। महिला ने बताया कि उसने अपने पति को इंदिरानगर-सी ब्लॉक के अरावली मार्ग स्थित अस्पताल में 28 अगस्त को भर्ती कराया था। दो दिन के इलाज में अस्पताल ने एक लाख रुपये से ज्यादा का खर्चा किया, जिसे वह भुगतान नहीं कर पाई। इस वजह से महिला ने डॉक्टरों से अपने पति को डिस्चार्ज करने की मांग की। अस्पताल ने उसे एंबुलेंस के ड्राइवर का नंबर भी दिया था।
29 अगस्त को, जब वे एंबुलेंस के जरिए लखनऊ से सिद्धार्थनगर के लिए निकले, तब ड्राइवर की बदमाशी शुरू हो गई। ड्राइवर ने महिला को अगली सीट पर बैठने को कहा ताकि रात के समय पुलिस एंबुलेंस को न रोक सके। महिला ने बताया कि उसे जबरदस्ती अगली सीट पर बैठाया गया और इसके बाद ड्राइवर और उसके सहयोगी ने उसके साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। महिला ने विरोध किया, लेकिन उनकी बात को नजरअंदाज कर दिया गया। एंबुलेंस का मिरर बंद होने की वजह से महिला की चीखें उसके भाई तक नहीं पहुंच सकीं, और अंत में उसने दरवाजा पीटना शुरू कर दिया।
पैसे और गहने भी छीन लिए:
महिला ने कहा, “मेरे पति और मेरे भाई ने मुझे मुश्किल में देखकर चिल्लाना शुरू कर दिया, लेकिन ड्राइवर और उसके सहयोगी पर कोई असर नहीं हुआ। मैंने उनके खिलाफ प्रतिरोध किया, लेकिन वे नहीं माने। अंततः, उन्होंने छावनी पुलिस स्टेशन के पास मेन रोड पर एंबुलेंस रोक दी। वहां, उन्होंने जबरदस्ती मेरे पति का ऑक्सीजन मास्क हटा दिया और उन्हें एंबुलेंस से बाहर धक्का दे दिया। इस दौरान, उन्होंने मेरे भाई को गाड़ी के केबिन में बंद कर दिया।” महिला ने आरोप लगाया कि ड्राइवर और उसके सहयोगी लगातार उसका यौन उत्पीड़न कर रहे थे और उसने उसके पर्स से 10 हजार रुपये और गहने भी छीन लिए। पर्स में मंगलसूत्र, आधार कार्ड और अस्पताल की रिपोर्ट्स भी थीं।