उद्धव ठाकरे ने अखिलेश यादव को क्यों किया फोन? जानें पूरा मामला
Uddhav Thackeray Phone Call Akhilesh Yadav: महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (MVA) के अंदर सीट बंटवारे को लेकर खींचतान जारी है। इस बीच समाजवादी पार्टी (सपा) ने मुंबई की चार सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जिससे गठबंधन में तनाव बढ़ गया है।
Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र में चुनावी बिगुल बज चुका है। राज्य की 288 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को मतदान होगा और नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। इस बीच, महाविकास अघाड़ी (MVA) के अंदर सीट बंटवारे को लेकर घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव गुट) के बीच तनातनी जारी है। इसी बीच समाजवादी पार्टी (सपा) ने मुंबई की चार सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। सपा ने शिवाजी नगर से अबू आसिम आजमी, भिवंडी पूर्व से रईस शेख, मालेगांव से निहाल अहमद, और भिवंडी वेस्ट से रियाज आजमी को प्रत्याशी बनाया है।
सपा के उम्मीदवारों की घोषणा के बाद उद्धव ठाकरे ने हरकत में आते हुए अखिलेश यादव को फोन कर सीट बंटवारे का मुद्दा सुलझाने का भरोसा दिया। एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने भी अखिलेश यादव से बातचीत की। मुंबई की कुछ सीटों पर कांग्रेस और शिवसेना के बीच पहले से ही खींचतान चल रही है, और सपा के उम्मीदवारों ने मुकाबले को और रोचक बना दिया है। हालांकि, कांग्रेस का रुख अब तक स्पष्ट नहीं है, जिससे इन सीटों पर अखिलेश यादव की उम्मीदवारी मुश्किल में दिख रही है।
विवाद बढ़ने पर कांग्रेस भी सक्रिय हुई
विवाद बढ़ते देख कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश में सीट बंटवारे को लेकर गरमागरम बहस के बीच बालासाहेब थोराट को मुंबई जाने का निर्देश दिया है। साथ ही, महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रभारी रमेश चेन्निथला ने भी उद्धव ठाकरे से मातोश्री में मुलाकात कर सीट बंटवारे के मुद्दे पर सुलह की कोशिश की।
शरद पवार ने कांग्रेस नेताओं से की चर्चा
सूत्रों के मुताबिक, महाविकास अघाड़ी की बैठक में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से बात की, जहां सीट बंटवारे पर चर्चा हुई। उद्धव ठाकरे ने भी जोर दिया कि गठबंधन को टूटने की कगार पर नहीं ले जाना चाहिए। विवाद के बाद दोनों पक्षों ने अपने सुर नरम कर लिए हैं।
260 सीटों पर बनी सहमति
महाविकास अघाड़ी के बीच अब तक 260 सीटों पर सहमति बन चुकी है। विवाद मुख्य रूप से पूर्वी विदर्भ और मुंबई की कुछ सीटों पर है, जहां कांग्रेस अधिक सीटों की मांग कर रही है, जबकि शिवसेना (उद्धव गुट) पूर्वी विदर्भ में ज्यादा सीटों पर दावा कर रही है।